श्रीमती अश्विनी भिडे, भा.प्र.से.
प्रबंध निदेशक
श्रीमती अश्विनी भिडे, महाराष्ट्र कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी है, और उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर पदवी प्राप्त की है| सिविल सर्विस परीक्षा से उनका भारतीय प्रशासनिक सेवा में १९९५ में चयन हुआ है और संपूर्ण देश में महिला परीक्षार्थियों में प्रथम स्थान प्राप्त करने का उन्हें सम्मान प्राप्त हुआ है|
भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्य करते हुए उन्हें बीस साल का बहुमूल्य अनुभव है| उन्होंने, जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, महाराष्ट्र सरकार के संयुक्त सचिव, मुंबई महानगरी क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण में अतिरिक्त महानगरीय आयुक्त और शिक्षा व खेल विभाग के सचिव के तौर पर कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है|
शहरी बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में उन्हें विशेष अनुभव है| मुंबई महानगरी क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के अतिरिक्त महानगरीय आयुक्त के अपने कार्यकाल में मुंबई में कई बुनियादी सुविधा परियोजनाओं कों उन्होंने कामयाबी के साथ पूरा किया| उन्ही के कार्यकाल मे ८.२ किलोमीटर लम्बी मुंबई की पहली मोनोरेल परियोजना, १७ किलोमीटर लम्बी पूर्व द्रुतगती महामार्ग (Eastern Freeway), १२ किलोमीटर के उन्नत पथ (elevated road) सहित, ५ किलोमीटर ग्रेड सड़क, जुडवा सुरंगों (Twin tunnel) का निर्माण व कार्यान्वयन, मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे तक (टी२) उन्नत मार्ग, दहिसर और मिलन सबवे (Milan subway) पर दो अहम रेल्वे पुल, लालबाग चौक के २ किलोमीटर लम्बाई वाले अहम फ्लाईओवर के साथ ८ महत्त्वपूर्ण फ्लाईओवरों का निर्माण व कार्यान्वयन हुआ| इन परियोजनाओं का कार्यान्वयन उनकी महान प्रतिभा का प्रतिक है, क्योंकि इसके लिये जरुरत थी असरदार नेतृत्व, सूक्ष्म योजना प्रणाली और विविध हिस्सेदारों में समन्वय बनाकर विस्थापित होने वाले परिवारों और धार्मिक स्थलों के बड़े पैमाने पर पुनर्वास करवाने की|
मुंबई मेट्रो १ के लिए राईट ऑफ वे (RoW) को समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराना, सूर्य प्रादेशिक जल आपूर्ति योजना, मीठी नदी का विकास, तलोजा Integrated Solid Waste Management की योजना को PPP प्रणाली में कार्यान्वित करना और मुंबई ट्रान्स हार्बर लिंक (२२ किलोमीटर लम्बे Sea-link) परियोजना को भी PPP प्रणाली में कार्यान्वित करने की जिम्मेवारी इन्होंने निभाई है|
शहरी बुनियादी सुविधाओं के विकास के इतने लम्बे अनुभव होने की वजह से JICA द्वारा मदद से किये जाने वाले मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में मुंबई मेट्रो लाईन ३ (कोलाबा-बांद्रा–सिप्झ) परियोजना का कुशल नेतृत्व इन्हें सौंपा गया है|